रविवार, 28 जून 2009
मंत्री का दौरा सरकारी मेल मुलाकात रिश्तेदारों से
केंद्रीय पंचायत एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री प्रदीप जैन इतवार को भोपाल आए, उनका यह दौरा पूरी तरह सरकारी खर्चे पर और आधिकारिक दौरा था लेकिन उनके कार्यक्रम का चार्ट देखकर लगता है कि राहुल गांधी की युवा ब्रिगेड आखिर कर क्या रही है? श्री जैन के का ननिहाल भोपाल में हैं, उनके मौसाजी, भाई इत्यादि भोपाल में रहते हैं। जरा गौर करिए उनके भोपाल आगमन के दौरा कार्यक्रम पर। अपने घर झांसी से कर्नाटक एक्सप्रेस से भोपाल पहुंचकर वे अशोका गार्डन में अपने रिश्तेदार के यहां गए, वहां से जैन मंदिर गए, फिर दूसरे जैन मंदिर गए, फिर जैन विद्यालय गए, फिर ननिहाल गए, फिर मौसाजी के यहां गए , फिर भाई के यहां गए। दिन भर के कार्यक्रम में एक मात्र कार्यक्रम पारिवारिक कार्यक्रम से अलग था, वे बीएचईएल में कांग्रेस से संबद्ध संगठन इंटक के कार्यक्रम में शामिल हुए। खास बात ये है कि केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने तीन दिन पहले उनके भोपाल दौरे का आधिकारिक कार्यक्रम जारी किया। प्रदेश के सभी जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारियों और भोपाल के कलेक्टर तथा अन्य अधिकारियों को उनकी यात्रा की सूचना देते हुए ताकीद किया गया कि वे आवश्यक इंतजाम करें। इस सरकारी खर्चे पर निजी यात्रा में राहुल बाबा के कोटे से मंत्री बने प्रदीप जैन चाहते तो मप्र में केंद्र सरकार की ग्रामीण विकास योजनाओं का हाल जान सकते थे, राहुल बाबा को भी अच्छा लगता और मप्र में ग्रामीण विकास की योजनाओं की गडबडियों पर भी उनकी नजर जाती। श्री जैन की भोपाल यात्रा सरकारी खर्चे पर निजी यात्रा ही बन गई। हालांकि वे अकेले ऐसे नहीं हैं जो निजी यात्रा को सरकारी यात्रा की तरह करते हैं। हमारे यहां लोकतंत्र में इस किस्म के मजाक नए नहीं हैं, जो मंत्री बनता है, या कोई और रूतबा हासिल करता है, उसका बेजा इस्तेमाल तो करता ही है। हां वह जब विपक्ष में हो तो इन्हीं चीजों की आलोचना भी करता है। क्या राहुल इस परंपरा को बदलने के लिए कुछ करेंगे?
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1 टिप्पणी:
:) देखे आगे आगे क्य गुल खिलते है.
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