रविवार, 7 जून 2009

देशज शब्द उनके अर्थ और सुगंध जैसे मेहमान और खबर-बतर

मित्रो, शब्दों के अर्थ और देशज बोलियों में उनके प्रयोग कई मर्तबा इतने प्यारे होते हैं कि उनकी भाव भूमि मन को गदगद कर देती है। मैं बचपन से ही बोलचाल के शब्द और उनके मुहावरों पर गौर करता आया हूं, कई दफा बोलियों के शब्द सामथ्र्य और उनकी अर्थ वाहकता चकित कर देती है। उदाहरण के लिए मेहमान शब्द को ही लीजिए। मेह का अर्थ मेघ अर्थात बादल से है। गरमी से त्रस्त लोग जिस तरह मेघ के आगमन से हर्षित हो उठते हैं, ठीक वैसा ही किसी व्यक्ति के आने पर लगे और हम उसे मेह की तरह ही मान दें तो वह व्यक्ति हुआ मेहमान। हालांकि अब मेहमान शब्द उतना आल्हादकारी नहीं रहा खासकर शहरों में। लोग आम तौर पर किसी के आगमन की खबर से खुश नहीं होते। सो इस शब्द में वह भाव नहीं रहा। लेकिन मेहमान शब्द है कितना प्यारा। भीषण गर्मी के इस दौर में जब हम मानसून की प्रतीक्षा कर रहे हैं तो मेहमान शब्द का भाव समझना काफी आसान है। एक और शब्द की बात करूंगा, शहरी प्रष्ठभूमि के लोगों को यह शब्द तनिक अटपटा लग सकता है लेकिन ग्राम्य प्रष्ठभूमि के मित्र इसे बखूबी समझ पाएंगे। हमारे यहां हालचाल जानने, बूझने, भेजने में एक शब्द का खूब इस्तेमाल होता है। मसलन कोई अपने गांव से आए तो उसके जरिए आई सूचना को पूछते हैं- भइया का खतर बतर लाए हो। या खबर बतर तो सुनाओ भइया। इसी तरह जब कोई एक से दूसरी जगह जा रहा हो और वहां अपना कोई रहता हो तो उससे आग्रह किया जाता है- भइया खबर बतर लेते अइयो। मित्रो खबर का अर्थ तो सभी जानते हैं लेकिन उसके साथ जुडा यह बतर शब्द बडा ही प्यारा है। असल में गांव देहात में किसान बतर पहली बारिश आने के बाद आसमान साफ हो जाने के बाद खेतों की उस स्थिति को कहते हैं जब खेत जोते जा सकते हैं। क्योंकि गीले खेतों में हल नहीं चलाया जा सकता और जब तक खेत जोतने लायक नहीं हों तो बोने की स्थिति कैसे बन सकती है। इसलिए बारिश के बाद खेतों का पानी सूखने लेकिन नमी बनी रहने की स्थिति खेत जोतने की परिस्थिति को निर्मित कर देती है, यही बतर है। तो हालचाल जानने के लिए खबर बतर पूछना या बताना कहते हैं। यानी शुभ समाचार को खबर बतर कहा जाता है। यानी बतर आ गई तो अब खेत जोते जाएंगे, इससे बोनी का रास्ता आसान हो जाएगा। बोनी होगी और फिर बारिश हो गई तो खेतों में फसल लहलाएगी। अच्छी फसल आएगी तो सम्पन्नता आएगी। पूरी खेती चक्र की शुभ की धुरी है बतर, सो अपनों की बेहतरी की फिक्र, अच्छी खबर की उम्मीद के साथ जुडा है शब्द खबर बतर। तो साथियों आप भी अपनी खबर बतर दे रहिए, हमें बताते रहिए हमारा लिखा कैसा लगा। हम भी खबर बतर देते रहेंगे। फिलहाल तो ताजा खबर बतर ये है कि मानसून एक हफते में मध्यप्रदेश में आमद दे देगा, ऐसा मौसम महकमे वालों ने बताया है। उम्मीद कीजिए, पहली बारिश जमकर हो, सूखे ताल, नदी और पोखर भर जाएं। खेत लबालब हो जाएं। इसके बाद बतर आ जाए और अच्छी बोनी हो, अच्छी फसल आए। सब तरफ से अच्छी खबरें आए और हमारा यह प्यारा शब्द खबर बतर आपको याद रहे, जय राम जी की।

3 टिप्‍पणियां:

Udan Tashtari ने कहा…

देशज भाषा का अपना मजा है जब तक असमाजिक भाषा को देशज कहकर इस्तेमाल न किया जाये.

sanjeev persai ने कहा…

वाह मजा आ गया,
खबर-बतर ने वाकई भावविभोर कर दिया,
बेहतरीन पोस्ट

राम त्यागी ने कहा…

majaa aa gayaa padakar, touch mein rahunga !!