बुधवार, 28 अक्तूबर 2009
शिवराज के मंत्रिमंडल में नौ और मंत्री शामिल, दागियों को भी मिली जगह
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अपनी दूसरी पारी के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में नौ नए मंत्रियों को बुधवार को राजभवन में राज्यपाल रामेश्वर ठाकुर ने शपथ ग्रहण कराई। सरताज सिंह,नरोत्तम मिश्रा, उमाशंकर गुप्ता, अजय विश्नोई, विजय शाह, कैबिनेट मंत्री और महेंद्र हार्डिया, नानाभाऊ मोहोड़, मनोहर ऊंटवाल, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह राज्य मंत्री बनाए गए हैं। जबकि राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार करण सिंह वर्मा को पदोन्नत कर कैबिनेट दर्जा दिया गया है। आदिवासी विधायक जय सिंह मरावी को भी शपथ लेना थी लेकिन वे नहीं पहुंच सके। अब शिवराज सरकार के मंत्रियों की कुल संख्या 23 से बढ़कर 32 हो गई है। इस तरह एक और विस्तार की गुंजाइश बरकरार रखी गई है। मप्र के मंत्रिमंडल में 35 सदस्य हो सकते हैं। नगरीय निकायों और पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण देकर महिला शक्तिकरण की वाहवाही लूटने में लगी भाजपा सरकार ने मंत्रिमंडल विस्तार में एक भी महिला को मंत्री बनने लायक नहीं समझा। पहले भी केवल दो ही मंत्री अर्चना चिटनिस और रंजना बघेल शिवराज सरकार में शामिल हैं। मध्यप्रदेश में पहली बार रात में हुए इस शपथ समारोह में भाजपा के मप्र प्रभारी अनंत कुमार, नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुरेश पचौरी, पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा समेत अनेक गणमान्य लोग मौजूद थे। रात पौने आठ सात बजे इन मंत्रियों केशपथ लेते ही करीब दो माह से चल रही मंत्रिमंडल विस्तार की कवायद पूरी हो गई। विस्तार में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने नानाभाऊ मोहोड़, मनोहर ऊंटवाल, ब्रजेंद्र प्रताप सिंह को शामिल कर क्षेत्रीय और जातीय संतुलन बनाए रखने की कोशिश की है। पहले मंत्री रह चुके और फिर से लाल बत्ती पाने के लिए मशक्कत कर रहे अजय विश्नोई, नरोत्तम मिश्रा और विजय शाह भ्रष्टïाचार के आरोपों में घिरे रहने के बावजूद दोबारा मंत्री बनने में कामयाब रहे। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के करीबी होने की वजह से पहली बार के विधायक होने पर भी मंत्री बन चुके उमाशंकर गुप्ता को अब शिवराज ने श्री गौर को ही दरकिनार रखने के लिए मंत्री बना दिया है। जबकि भ्रष्टïाचार के आरोपों और अपने पुत्रों के खिलाफ हत्या जैसे संगीन मामले की सीबीआई जांच के चलते कमल पटेल को निराशा हाथ लगी है। वे फिर मंत्री नहीं बन पाए। दूसरी बार भाजपा की सरकार बनने पर बीते साल दिसंबर में शपथ लेने के लिए बुला लिए जाने के बाद ऐन वक्त पर दरकिनार कर दिए गए पूर्व केंद्रीय मंत्री सरदार सरताज सिंह को मंत्री बनाकर शिवराज सिंह चौहान ने भूल सुधार कर लिया है। हालांकि पिछली बार की तरह इस बार भी पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा सरताज सिंह का पत्ता कटवाने में जुटे रहे बताए गए थे। प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायती राज संस्थाओं में महिलाओं को 50 फीसदी आरक्षण लागू कर चुकी सरकार ने मंत्रिमंडल में महिला वर्ग को पर्याप्त महत्व नहीं दिया है। विस्तार में एक भी नई महिला मंत्री नहीं बनाई गई है। अर्चना चिटनिस और रंजना बघेल पहले से ही मंत्री हैं। छह घंटे पहले ही बज उठे नगाड़ेराजभवन में नए मंत्रियों की शपथ से छह घंटे पहले ही उनके आवासों और कार्यालयों पर खुशी के नगाड़े बज उठे थे। दोपहर दो बजे तक तो उमाशंकर गुप्ता, सरताज सिंह, अजय विश्नोई, विजय शाह और नरोत्तम मिश्रा के समर्थकों ने पटाखों की लडिय़ों से आतिशबाजी शुरूकर दी थी। सर्वाधिक जश्न सरताज सिंह समर्थकों में था। प्रदेश भाजपा कार्यालय दीनदयाल परिसर के ठीक पीछे स्थित उनके होटल के बाहर तो दीपावली जैसा माहौल हो गया था। पिछली दफा जब वे मंत्री नहीं बन पाए थे, तो उनके समर्थकों ने पार्टी कार्यालय में जमकर तोडफ़ोड़ कर दी थी। होशंगाबाद संसदीय क्षेत्र से कई दफा सांसद रहे श्री सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह को भी इसी क्षेत्र से लोकसभा चुनाव में पटखनी दी थी। उन्हें मंत्री बनाए जाने के आश्वासन के साथ ही विधानसभा चुनाव लड़ाया गया था, उसमें भी उन्होंने कांग्रेस के दिग्गज और अपराजेय तत्कालीन विधानसभा उपाध्यक्ष हजारीलाल रघुवंशी को परास्त किया था। उन्हें मंत्री नहीं बनाए जाने का खामियाजा भाजपा को हाल ही में लोकसभा चुनाव में होशंगाबाद सीट गंवाकर उठाना पड़ा था।
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3 टिप्पणियां:
shivraj sarkar na dagiyon ko mantri bana kar ek achchhi or Swachchh sarkar ka sapna smapat kar diya. Ajay Visnoi & Vijay Shah jaise Bhrast Vyaktiyo mantri nahi banana Tha.
sateesh ji
sarkar me yuvaon ko mahattv dena chahiye tha ,vichar kare .
आपका ब्लॉग बेबाक वाणी के तौर पर पहचान बनाये तो सबसे ज्यादा खुशी मुझे होगी मगर इस पोस्ट को पढ्कर लगा जैसे मैं अखबार में छपी कोई खबर पढ रहा हूं। अगर ये पोस्ट सिर्फ दागियों को शामिल करने या महिलाओं को जगह न देने पर ही चर्चा करती तो ईमानदारी और महिला सशक्तिकरण का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा के दोहरे चरित्र को उजागर करने वाली बेबाक वाणी साबित होती।
आग्रह है इसे खबरिया ब्लॉग के बजाये विश्लेषणात्मक और आलोचनात्मक चर्चा का मंच बनाये रखें।
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