सोमवार, 19 अक्तूबर 2009

चीन से रोशन हिंदोस्तां हमारा...

शीर्षक अटपटा लग सकता है और चीन की हरकतों से आक्रोशित हर भारतीय को चुभ सकता है। लेकिन मित्रो यह शीर्षक बिल्कुल सच है, पूरे सोलह आना और सौ फीसदी सच। आज पांच दिवसीय दीपोत्सव का पांचवां दिन है और शहरों में जगमगाती रोशनी इस बात की गवाही दे रही है कि इस झिलमिलाहट में चीनी उत्पादों का हिस्सा भारतीय उत्पादों के बनिस्बत ज्यादा है। बीते करीब तीन चार साल से भारतीय बाजारों में दीपावली के एक महीने पहले ही बल्वों की लडिय़ां और तरह तरह के आयटम भर जाते हैं। इनमें जो सस्ते और विविधता भरे आयटम होते हैं वे चीन निर्मित हैं। हालत यह है कि स्थानीय कारोबारियों को खुदरा विक्रेताओं को दो और चार गुने तक दाम आसानी से मिल जाते हैं और खरीददार को फिर भी लगता है कि सस्ता आयटम मिल गया। बेचने वाले खुलेआम बताते हैं कि यह आयटम चीनी है इसकी कोई गारंटी नहीं, चले तो कई साल चल जाए और न चले तो हमारी जिम्मेदारी नहीं। हर दीपावली पर नए नए आयटम चीन भारत में भेजता है और जमकर खपते हैं। मुझे याद है जब हमारे मोहल्ले के कई लड़के बल्ब, डोरी और कईया लाकर बल्बों की लडिय़ां तैयार करते थे और आसपास ही उन्हें बेचकर दीवाली के पटाखों का खर्च निकाल लेते थे। कई स्थानीय छोटे छोटे दुकानदार इस तरह के आयटम तैयार करके बेचते थे। अब यह छोटा मोटा रोजगार पूरी तरह खत्म हो चुका है। क्योंकि उजाले के भारतीय पर्व दीपावली को मनाने के लिए चीन भरपूर आयटम भेज रहा है, भले ही वे खतरनाक हो सकते हों, ऊर्जा की बर्बादी करने वाले हों। अकेले बिजली के नहीं बल्कि खिलौनों से लेकर मोबाइल और दूध तक चीन से भारत में आ रहे हैं। इनकी क्वालिटी की कोई गारंटी नहीं लेकिन महंगाई के इस दौर में सस्ता बिकता है, गारंटी से। चीनी प्रोडक्ट भरोसेमंद नहीं हैं ठीक उसी तरह चीन भी भरोसेमंद नहीं है। नेहरू-चाउ एन लाई का हिंदी चीनी भाई भाई नारा 1962 में चीन के धोखे और भारत की पराजय में तब्दील हुआ था और अब तक वह जख्म नासूर बना हुआ है। सोनिया मनमोहन से लेकर चिंदबरम तक और आनंद शर्मा से लेकर मनीष तिवारी तक भारतीय सीमा में चीनी घुसपैठ पर इंकार की मुद्रा में दिखाई भले दे रहे हों लेकिन मीडिया ने जो सच्चाई उजागर की है, उससे देश हकीकत को जान चुका है। देश के लोग सरकारी सफाई से कतई मुतमईन नहीं हैं।

1 टिप्पणी:

Praveen Aliya ने कहा…

Sari lighting Chini hi bik rahee thee.
China item ki khapat kam shayad hi ho