गुरुवार, 30 जुलाई 2009
शर्म मगर हमको नही आती .........
शर्म-अल-शेख में नापाक इरादों वाले मुल्क पाकिस्तान के प्रधानमंत्री गिलानी से गच्चा खाकर लौटे हमारे माननीय प्रधानमंत्री सरदार मनमोहन सिंह जी का संसद में वक्तव्य यह बताने की कोशिश से भरा था कि पाकिस्तान ने अपने देश के किसी आतंकी संगठन का भारत में हुए हमले में हाथ स्वीकार किया है। हकीकत ये कि पाकिस्तान की सरकारी एजेंसी आईएसआई का मुंबई हमले में था। जिसे पाकिस्तान ने लगातार न केवल नकारा है बल्कि हफीज सईद को बेकसूर बताने की कोशिश करते हुए भारत से फिर सुबूत मांगे हैं। शर्म अल शेख में पाकिस्तान ने अपने मुल्क में खुद के बोए आतंक के कांटे भारत के नाम दर्ज कर साझा बयान मनमोहन जी से दस्खत करा लिया। पूरी दुनिया जानती है कि सीआईए बरास्ता आईएसआई पोषित आतंकवाद ही पाकिस्तान के ग्रह यु़़द्ध का कारण है, मुंबई मामले में बेशर्मी धारण के बाद उलटे भारत पर बलूचिस्तान में आतंकी घटनाएं कराने का आरोप मढने में कामयाब हो गए गिलानी मनमोहन पर भारी पड गए। अब यूपीए सरकार और कांग्रेस इस नाकामयाबी को छुपाने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं। बेहद अफसोस की बात ये है कि हमारे देश में करीब पचास साल तक सत्ता में रही कांग्रेस की विदेश नीति ने यह हाल बना दिए है कि हमारा कोई भी पडोसी हमारा मित्र नहीं है। पाकिस्तान से तो उम्मीद करना बेमानी है ही लेकिन जिस बांग्लादेश की मुक्ति हमने कराई, जिस नेपाल को सदा मदद की वे भी हमारे मित्र नहीं है। चीन से दोस्ती करने का नतीजा खुद नेहरू ने जिंदा रहते देख लिया था। जिसका दंश हम आज तक भोग रहे हैं। बर्मा उर्फ म्यांमार हो श्रीलंका हो कोई भी हमारे साथ नहीं है। आतंकवाद के मुददे पर विश्व समुदाय के दवाब आ गया पाकिस्तान अब शर्म अल शेख मंे भारत को पटखनी देकर इस दवाब से आसानी से बाहर निकलता दिख रहा है, हमारी सरकार संसद में और कांगे्रस संसद के बाहर लीपापोती करने में लगी है। जनता ने पांच साल के लिए कांग्रेस को मौका दे दिया है, शर्म अल शेख की बेशर्मी अगले चुनाव तक पुरानी हो चुकी होगी, क्योंकि हमारी जनता ऐसे मुददों को ज्यादा देर तक याद नहीं रखती। वो तो प्याज के दाम या ऐसे ही किसी तात्कालिक मुददे पर वोट दे डालती है और फिर उसे भी भूल जाती है। क्योंकि सरकार को तो आती ही नहीं है, शर्म हमें भी नहीं आती।
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2 टिप्पणियां:
bahut badhiya bahi sahab aapko yaha padhkar accha laga
श्रेष्ठ, बेहतरीन, ज्ञानवर्धक और सटीक
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