मंगलवार, 28 जुलाई 2009

गर्भ परीक्षण जैसे चर्चित मुद्दे पर नहीं चर्चा, विस सत्र खत्म

शडडोल जिले में मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में विवाह के मंडप में बैइीं 14 वधुओं को गर्भवती पाए जाने जैसे चर्चित मुद्दे, प्रदेश में कानून व्यवव्था के हालात और बिजली संकट जैसे मुद्दों पर चर्चा किए बिना ही मप्र विधानसभा का बजट सत्र आज खत्म हो गया। सत्र बुलाया तो 6 जुलाई से 4 अगस्त के लए था, लेकिन इसे पहले ही खत्म करने का निर्णय विधानसभा की कार्य मंत्रणा समिति ने ले लिया था। आखिरी दिन से एक दिन पहले यानी सोमवार की कार्यसूची में बिजली और कानून व्वस्था के मामलों पर चर्चा शामिल थी। लेकिन नहीं हो सकी थी। मंगलवार की कार्यसूची में यह विषय फिर शामिल किए गए थे। इन पर चर्चा होने से पहले ही प्रमुख विपक्षी दल कांगेस ने कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया। जबकि अध्यक्ष के आश्वासनों के बावजूद शहडोल का गर्भ परीक्षण मामला कार्य सूची में नहीं लिया गया। विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग पूरे सत्र के दौरान लगभग हर दिन करता रहा और अध्यक्ष ने इस पर विचार का हर बार आश्वासन दिया था। कानून व्यवस्था की स्थिति पर तो विपक्ष का जोर इसलिए भी था क्योंकि विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान वाले दिन तत्कालीन भाजपा विधायक सुनील नायक की हत्या के आरोप के चलते कांग्रेस के निर्वाचित विधायक ब्रजेंद्र राठौर अब तक शपथ नहीं ले पाए हैं। वे सुनील नायक हत्याकांड में फरार आरोपी हैं। कांग्रेस के विधायक माखनलाल जाटव की भी हत्या लोकसभा चुनाव के दौरान हुइ्र्र थी। विधानसभा के 22 दिन चले सत्र में जतना के इन महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा न हो पाना क्या दर्शाता है? अफसोस की बात ये भी है कि सत्र के दौरान पक्ष विपक्ष के लोग गंभीर मुददोंं पर चर्चा से ज्यादा हंसी मजाक में मशगूल होने में ज्यादा रूचि लेते नजर आए। उम्मीद की जाना चाहिए कि जनता की चिंताओं, उनकी समस्याओं को प्रतिबिंबित करने वाली पंचायतें बन पाएंगी और उनके हल भी तलाशेंगी।

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