सोमवार, 13 जुलाई 2009

गर्भाधान परीक्षण का विरोध क्यों?

मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में पिछले दिनों मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में ऐसी 14 लड़कियों को ढूंढ निकाला गया जो पहले से ही न केवल विवाहित थीं, बल्कि गर्भवती भी थीं। सरकार की इस योजना में हर जोड़े को विवाह में छह हजार रुपए मिलते हैं। इस लालच में कई दफा विवाहित जोड़े भी सामूहिक विवाह समारोह में शामिल हो जाते हैं। कई दफा सरकारी कर्मचारी या नेता टाइप के लोग कमीशन लेकर जान बूझकर ऐसे लोगों का इस योजना में विवाह करा देते हैं। लेकिन शहडोल में गर्भवती महिलाओं के विवाह में शामिल होने की बात सामने आने से अलग अलग तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। कुछ अखबारों के संपादकों ने जांच के खिलाफ विशेष संपादकीय तक लिख डाले हैं। सोमवार को विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस के विधायक हुकुम सिंह कराड़ा ने शहडोल की घटना के लिए सरकार की निंदा की। उनका कहना है कि इस तरह का परीक्षण शर्मनाक है। महिला एवं बाल विकास मंत्री रंजना बघेल और भाजपा की महिला विधायकों ने इस पर यह कहते हुए ऐतराज जताया कि गलत लोग योजनाओं का लाभ लें तो उसकी जांच नहीं की जाएगी तो क्या किया जाएगा। असल में न सरकारी पक्ष और न ही विपक्ष इस घटना की जड़ में जा रहे हैँ। वह है गरीबी और सरकारी तंत्र में शामिल भ्रष्टï अधिकारी और कर्मचारी। जो अच्छी मंशा से बनी किसी भी सरकारी योजना का यही हश्र करते हैं कि कुपात्र को लाभ मिलता है और ज्यादातर दफा सुपात्र भटकते रहते हैं। कुपात्रों से आसानी से कमीशन में आधी रकम तक मिल जाती है। मेरे खयाल से गर्भाधान परीक्षण को कौमार्य परीक्षण की तरह मानकर उसका विरोध करना भी एक तरह से दकियानूसी है। आखिर जांच में ही तो गड़बड़ी पकड़ी गई। इसका विरोध विपक्ष तो सियासत के तहत कर रहा है लेकिन अखबार वाले क्यों ऐसा कर रहे हैं।

3 टिप्‍पणियां:

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

ये सारे फंडे मिलीभगत से हो रहे है .

राज भाटिय़ा ने कहा…

तो क्या एक दो चोरो के लियेसभी की तलाशी लि जाये? नही इस के हक मै हम नही, गर्भाधान परीक्षण का विरोध क्यों? क्योकि विवाह एक विशवास पर कायम होता है, ओर जब शक के दायरे मै आ जाये तो ज्यादा सुख शान्ति से नही चलता.
बाकी इन चोरो के संग सारा समाज चोर नही बन सकता

रंजन ने कहा…

गर्भ परिक्षण से क्या हासिल होगा.. जो विवाहित है और गर्भवती नहीं उनका क्या.. और कार्यक्रम के सही क्रियांव्यन की जिम्मेदारी किसकी? क्यों महिला जाँच करवाये? ये जल्दबाजी में लिया गया अपरिपक्व फैसला है.. इसलिये हल्ला..