बुधवार, 22 जुलाई 2009
लो टपकने लगी 72 करोड़ में बनी विधानसभा
७२ करोड़ रुपए से ज्यादा लागत से बने मध्यप्रदेश विधानसभा भवन के मुख्य गुंबद से पानी टपकने लगा है। इस इमारत की डिजाइन विख्यात अक्र्कीटेक्ट चाल्र्स कोरिया ने बनाई है। इस खूबसूरत इमारत को बनाने में शुरूआती बजट 12 करोड़ रुपए था , लेकिन जब यह करीब दस साल में बनकर तैयार हुई तो खर्च 72 करोड रुपए को पार कर चुका था। इस इमारत को एशिया की श्रेष्ठï वास्तु इमारत का आगा खां अवार्ड मिला था। खास बात ये है कि यह भवन बना तब मप्र से 36 गढ़ राज्य अलग नहीं हुआ था। विधायकों की संख्या 320 थी। चार बरस बाद जब 36 गढ़ राज्य बन गया तो बाकी मप्र में 220 विधायक रह गए। पूर्व ब्नौकरशाह महेश नीलकंठ बुच ने सुझाव दिया था कि इसे फाइव स्टार होटल में बदल दिया जाए। लेकिन विधानसभा भवन में विधानसभा ही लग रही है। कांग्रेस के राज में संपुट की तरह विधान परिषद गठित किए जाने पर विचार किए जाने की घोषणाएं होती रहती थीं। इसलिए विधान परिषद के लिए भी सदन बना दिया गया। जो किसी अभिशप्त थिएटर की तरह बंद रहता है। इस भवन के बनने से पहले मप्र की विधानसभा राजभवन के सामने की उस इमारत में लगती थी, जिसे मिंटो हाल कहा जाता है। वह इसलिए कि नबाबी दौर में तत्कालीन ब्रिटिश गर्वनर जनरल लार्ड मिंटो की अगवानी इसी हाल में की गइ्र्र थी। मूलत: यह इमारत भोपाल की नबाब ने कालेज के लिए बनवाई थी। जिन लोगों ने मनोज वाजपेयी अभिनीत फिल्म शूल देखी होगी, उन्हें बता दें कि विधानसभा का दृश्य भोपाल के इस पूर्व विधानसभा भवन अर्थात मिंटो हॉल में ही शूट किया गया था। मिंटो हाल अब भी विधानसभा की ही मिल्ििकयत है और इसमें मप्र विधानसभा के पहले अध्यक्ष पं. कुंजीलाल दुबे के नाम पर संसदीय विद्यापीठ चलता है। लेकिन ज्यादातर दिनों में यह विशाल इमारत सुनसान ही रहती है। इसे सेमिनार इत्यादि के लिए किराये पर दिया जाता है। स्टार न्यूज के जनता वाले कुछ कार्यक्रम भी यहां हो चुके हैं। यहां उद्योग विभाग कन्वेंशन सेंंटर बनाने का इरादा रखता है। पास ही स्थित मछलीघर को तोड़कर फाइव स्टार होटल बनाने की योजना है। इस पर जनता की नाराजी भी अखबारों के जरिए सामने आ चुकी है। फिलहाल योजना खटाई में है। तो मंगलवार को जब प्रदेश की राजधानी सावन की झड़ी से तरबतर थी। उस वक्त विधानसभा की बैठक चल रही थी। कांग्रेस विधायक श्रीकांत दुबे ने सदन में अध्यक्ष ईश्वरदास रोहाणी से कहा कि उनके ऊपर पानी टपक रहा है। श्री रोहाणी ने कहा कि इस समस्या का हल सत्र के बाद करेंगे। इस बीच कांग्रेस पक्ष से किसी सदस्य ने कहा- बारिश में टपके का डर शेर से भी ज्यादा होता है। अध्यक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में वर्षा हो रही है, इंद्र भगवान का आभार व्यक्त करें। कांग्रेस विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि श्योपुर में बारिश नहीं हुई है। अध्यक्ष ने सुझाव दिया कि पूजा पाठ कराएं। विंध्य क्षेत्र के किसी सदस्य ने कहा कि सीधी, सतना में भी बारिश नहीं हुई है। अध्यक्ष ने कहा कि वहां भी पूजा पाठा कराओ। जबलपुर में तो सात इंच बारिश हुई है।
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1 टिप्पणी:
बारिश में टपके का डर शेर से भी ज्यादा होता है।.........
मजा आ गया और विधान सभा के टपके की भी कलई खुल गयी,
अब कराते रहो पूजा पाठ
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