स्वागत है आगत का नव हो प्रभात उज्जवल गात तरु नव, नव पल्लव नव हो साँझ नव रात निर्झर सी हंसी प्रफुल्लित ललाट प्रेम रस पगा हो जीवन दुःख न आये पास आओ हिलमिल करें प्रार्थना सुखमय हो सबका जीवन मंगलमय हो नववर्ष नवप्रभात * सतीश एलिया डॉ अपर्णा एलिया
प्रेम रस पगा हो जीवन दुःख न आये पास आओ हिलमिल करें प्रार्थना सुखमय हो सबका जीवन बहुत सुंदर जी सतीस जी दुसरे ब्लाग से वेरी फ़िकेशन हटा दे तो अच्छा रहे गा, वर्ना लोग उसे देख कर भाग जाते हे, जेसे मै भागा वहां से....
1 टिप्पणी:
प्रेम रस पगा हो जीवन
दुःख न आये पास
आओ हिलमिल करें प्रार्थना
सुखमय हो सबका जीवन
बहुत सुंदर जी सतीस जी दुसरे ब्लाग से वेरी फ़िकेशन हटा दे तो अच्छा रहे गा, वर्ना लोग उसे देख कर भाग जाते हे, जेसे मै भागा वहां से....
एक टिप्पणी भेजें