शनिवार, 27 नवंबर 2010

बीजेपी का गौरव दिवस मतलब क्या

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बतौर सीऍम ५ साल पूरे होने पर जलसा आयोजित करवा रहे हैं। वे दूसरी दफा इस पद पर हैं। पहली बार तो उमा भारती के नेत्रत्व में प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई बीजेपी ने कर्नाटक के ईदगाह मामले में सम्मान की वजह से उमा को हटा कर बाबूलाल गौर को मुख्यमंत्री बनाया और फिर उमा की वापसी के दबाब में गौर को हटाकर शिवराज की सीऍम बना दिया। जनता ने उमा के नाम पे बीजेपी को २३० में से १७३ सीट दी थीं। जब २००८ में फिर चुनाव हुआ तो शिवराज के नेत्रत्व में हुआ और सीटें घटकर १४१ रह गयीं। इतना ही नही लोकसभा चुनाव में बीजेपी की आधा दर्जन सीटें चली गयीं। वोट प्रतिशत भी कम हुआ। मजे की बात ये है की उमा को पार्टी के आनोदलन की वजह से मुख्यमंत्री पद से इस्तीफ़ा दिलवाने वाली बीजेपी शिवराज के खिलाफ डम्पर खरीदी मामले में मामला दर्ज होने के वावजूद उनके ५ साल पूरे होने पर गौरव दिवस मना रही है। डम्पर उन्होंने पार्टी के लिए नही बल्कि पत्नी के नाम पे जानकारी छुपाकर खरीदा था। मामला उजागर होने पे पहले तो नकारते रहे फिर उन्हें स्वीकारना पड़ा। यह सच है की शिवराज सरकार की कई योजनायें पापुलर हुईं' मसलन लाडली लक्ष्मी । योजनायें तो उमा सरकार की भी खूब चल रही हैं। मसलन स्कूली लड़कियों को साईकिल देने की तोजना बिहार में भी हित रही। शिवराज उनके सिहसालर और दिल्ली में बैठी आका उमा भारती की बीजेपी में वापसी को टालने में अब तक सफल रहे हैं। नीतीश की दूसरी पारी और नरेंद्र मोदी की तीसरी पारी बड़ी बात है विरत बहुमत वाली हैं। लेकिन शिवराज के मुख्यमंत्री रहती मध्यप्रदेश में बीजेपी कमजोर हुई है। विधानसभा से लोकसभा तक सीटें घटी है। इसलिए बीजेपी को रिअलिटी में विचार करना होगा क्योंकि कांग्रेस की कमजोरी के शेयर नैया पार लगते रहना गोरव की बात नही है,

1 टिप्पणी:

प्रवीण एलिया ने कहा…

गौरव दिवस मनाने दे उन्‍हें, क्‍योंकि अगले दिनों में वह रहे नहीं रहें क्‍या पता, विधान सभा की अभी तो 24 सीटें कम हुई थी, यह सरकार का हाल रहा तो अगले चुनाव में 24 ही होगीं।