शनिवार, 15 मई 2010

एक साल.. और सैकड़ा हुआ पार.. शुक्रिया मेहरवानी, करम


दोस्तों ठीक एक साल पहले 15 मई 2009 की दोपहर इस ब्लॉग बेबाकवाणी का जन्म हुआ था। आज पहली सालगिरह है। 365 दिन में सौ पोस्ट आपकी अदालत में पेश हो चुकी हैं। इसमें सामयिक, राजनीतिक टिप्पणियां ज्यादा हैं। वजह है मेरा खबरनवीस होना। हालांकि कविताएं और दिल की बातें भी यदा कदा लिखता रहा। मेरा अनुभव है कि अखबार में भी और ब्लॉग पर अब लोग राजनीतिक बातों को उतना पसंद नहीं करते। मेरी अब तक की पोस्ट की अलग अलग पाठक संख्या भी इस निष्कर्ष की ताईद करती है। लोग दिल की बातें न केवल पढते हैं बल्कि उन्हें संवेदना के धरातल पर महसूस भी करते हैं। राजनीतिक टिप्पणियों में वे ही पोस्ट ज्यादा पढी गईं जिनमें मानवीय मूल्यों की तरफदारी करते हुए जनता को बेवकूफ बनाने वालों को शब्दों के झापड मारे गए। मेरी सबसे ज्यादा पढी गई पोस्ट रही- अब आई लालू की अक्ल ठिकाने...। रही जबकि मप्र के मुख्यमंत्री के बारे में पोस्ट- भाभीजी की तबियत अब कैसी है...। दूसरे नंबर पर रही। बहरहाल संतोष है कि पाठक संख्या साढ.े तीन हजार पार कर चार हजार की तरफ अग्रसर है। समय समय पर टिप्पणी करने वाले मित्रों को धन्यवाद, शुक्रिया, मेहरबानी, करम। ऐसा ही साथ बनाए रखिए और बेबाकवाणी के बारे में बेबाक टिप्पणी देते रहिए।

7 टिप्‍पणियां:

नरेश सोनी ने कहा…

बधाई हो सतीश जी।
आपकी ही तरह मेरा भी यही अनुभव है कि राजनीति की अपेक्षा अन्य बातों को ज्यादा बढ़ा जा रहा है। हालांकि मुझे ब्लाग जगत में ज्यादा वक्त नहीं हुआ है।

Udan Tashtari ने कहा…

बहुत बधाई एक साल पूरा होने पर...ऐसे ही जारी रहें, अनेक शुभकामनाएँ.

36solutions ने कहा…

लोग दिल की बातें न केवल पढते हैं बल्कि उन्हें संवेदना के धरातल पर महसूस भी करते हैं। आपकी बात से सहमत.

बधाई हो सतीश जी।

उन्मुक्त ने कहा…

बधाई। लिखते चलें।

राज भाटिय़ा ने कहा…

बहुत बहुत बधाई जी

प्रवीण एलिया ने कहा…

ek saal hone par bahut bahut badai pathak sankhya 4000 se bhi aage jayengi, shubhkamnao sahit.

संजीव शर्मा/Sanjeev Sharma ने कहा…

badhai ho alia ji ki bebakvaani ko
ek nazar yaha bhi maar le
www.jugaali.blogspot.com