सोमवार, 19 अप्रैल 2010
यह तो होना ही था इस सुरूर का
आखिरकार संयुक्त राष्ट्र के पूर्व अतिरिक्त महासचिव शशि थरूर अब पूर्व विदेश राज्य मंत्री हो गए। यह तो होना ही था, प्रधानमंत्री विदेश यात्रा के दौरान ही इसके संकेत दे चुके थे। आखिर कांग्रेस को भारत में राजनीति करना है और थरूर, सरकोजी के अंदाज और मिजाज वाले आदमी हैं। पश्चिम की जनता ऐसे आदमी को नेता मान लेती है लेकिन भारतीय मानस और दल ऐसा नहीं कर सकते। सोनिया गांधी को इटालियन होते हुए भी आज भारत के सभी वर्गों और लोगों यहां तक कि मजबूरी में ही सही दलों में भी सम्मान प्राप्त है, तो इसलिए कि उन्होंने भारतीय महिला के संस्कार किसी भारतीय महिला से एक कदम आगे रहकर अपनाकर दिखाए हैं। थरूर पश्चिमी रंग ढंग में और उस पर भी पार्टी और सरकार के अनुशासन से उपर उठकर चलने वालों में से हैं। इस देश में आज भी महात्मा गाँधी ही आदर्श हैं। यहाँ तक कि ओबाबामाहैं के भी। आईपीएल की कोच्चि टीम, सुनंदा पुष्कर को लाभ दिलाने जैसे कारण तो सतह पर हैं। हालांकि वे हैं वे इतने गंभीर हैं कि सरकार चाहती तो भी थरूर का आईपीएल और सुनंदा का सुरूर झेल नहीं पाती। आखिर सरकार की महिला बिल के मामले में हालत यह है कि उसे यूपीए को तो साधे ही रखना है विपक्षी दलों खासकर भाजपा को भी गुडविल में रखना है। थरूर के सुरूर का तो ये अंत हुआ। अब बडबोले और मनमाने ढंग से आईपीएल क्रिकेट के पिच, बॉल, बल्ला, विकिट और स्टेडियम बन बैठे ललित मोदी की बारी है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के मुंहलगे होने की वजह से क्रिकेट के किंग बनने का सफर पूरा कर सके ललित के जाने की उलटी गिनती भी शुरू हो गई है। अपने रिश्तेदारों को भरपूर लाभ देने, क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्यों को डिक्टेट करने और मीडिया से बदतमीजी करके उन्होंने जो बोया है उसे वे काट भी नहीं पाएंगे बल्कि बोया हुआ और उनकी तथाकथित प्रतिष्ठा खाक होने ही वाली है। उनके जलवों की कई पर्तें अब धीरे धीरे खुलेंगी और कम से कम दो तीन महीने तो सुर्खियों में बने रहेंगे। मीडिया के पास अब हिसाब चुकाने का सुनहरा मोका है और अब तक के अनुभव बताते हैं कि इसमें मीडिया कोई चूक नही ही करेगा।
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2 टिप्पणियां:
मुझे तो समझ नही आता जिस देश मै आई पी एल ओर क्रिकेट के नाम से अरबो रुप्या घटोलो मै खाया जाता हो उस देश मे ८०% लोग गरीब नही उस से भी बदतर हालात मै हो.... इस लिये कोई आये कोइ जाये.... है तो सभी चोर.... सभी मिल बांट के लुटने वाले
बिलकुल सही बात है ...देश में लोग दाने दाने को तरस रहें हैं और हमारे नेता -अभिनेता -मोदीनुमा प्रशासक दौलत को खा और बिछा रहें हैं .इनके लिए यह तो बहुत थोड़ी सजा है
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