गुरुवार, 15 अप्रैल 2010

ऑनर किलिंग की जड़ गलत कानून में है

हरियाणा मेंं खाप पंचायतों के ऑनर किलिंग वाले फैसलों के खिलाफ मीडिया और तथाकथित आधुनिकतावादी जो स्यापा कर रहे हैं, वे समस्या की जड़ में जाने की जहमत क्यों नहीं उठा रहे हैं। मैं यहां स्पष्ट कर दूं कि किसी भी तरह की हत्या को जस्टीफाइ नहीं किया जा सकता, क्योंकि सजा के सभ्य तरीके भी होते हैं। लेकिन अब जबकि मप्र के इंदौर में भी सगोत्र विवाह करने का मामला सामने आया है और उसमें बहिष्कार की सजा तजवीज की गई है तो मैं इस मामले पर गंभीरता से अपनी बात कहना चाहता हूं। हिंदुओं की कई जातियों और उत्तर दक्षिण पूर्व पश्चिम भारत के हिंदुओं में विवाहों को लेकर अलग अलग रिवाज हैं। हिंदू मैरिज एक्ट में इनका पूरी तरह ध्यान नहीं रखा गया। मसलन आंध्र और तमिलनाडु में मामा का भांजी से विवाह श्रेष्ठ माना जाता है और मप्र,उप्र, बिहार, राजस्थान, हरियाणा,उत्तराखंड में यह पाप की श्रेणी में है। इसी तरह समूचे उत्तर भारत में अपने गोत्र में और यहां तक की मामा, नाना के गोत्र में भी विवाह संबंध नहीं हो सकते। यह मान्य परंपरा है। हमारे यहां शादी के लिए कुंडली मिलान की पहली शर्त ही यह होती है कि खुद का और मामा का गोत्र अलग अलग हो तो ही बात आगे बढ़ती है। सगोत्र विवाह निषेध न केवल शास्त्र सम्मत है बल्कि मेडिकल साइंस के लिहाज से भी ऐसे विवाह जेनेटिकली डिसआर्डर की तरफ जाते हैं। हरियाणा और पश्चिमी उप्र में सगोत्र लडक़े लड़कियों के प्रेम होने और फिर समाज के भय के बावजूद विवाह होने के पीछे लडक़े और लड़कियों की संख्या में फर्क होना एक बड़ा कारण है। दूसरा बड़ा कारण है मप्र, उप्र, बिहार, राजस्थान समेत अन्य उत्तर भारतीय राज्यों के लोगों ने गोत्र को बचाते हुए समान जातियों और उपजातियों में क्षेत्र और राज्य के बाहर जाकर विवाह करने का रास्ता स्वीकार कर लिया। इस वजह से अन्य इलाकों में सगोत्र विवाह की मजबूरी और फिर गोत्र बचाने की खातिर हत्या जैसे जघन्य कदम उठाए जाने की नौबत नहीं आई। मेरी समझ में तो न बच्चे गलत हैं और नही गोत्र के तरफदार। असल समस्या को समझकर खाप पंचायतों, बिना राजनीतिक नफा नुकसान का गणित लगाए राजनीतिक दलों, सरकारों, आधुनिकता की अंधी रौ में बहने वाले मीडिया और कानूनविदों को रास्ता खोजना होगा। अन्यथा सामाजिक तानाबाना यूं ही बिखरता रहेगा, पिता, भाई ,मामा हत्यारे बनते रहेंगे और मासूम बच्चे मारे जाते रहेंगे।

1 टिप्पणी:

डॉ टी एस दराल ने कहा…

एक ही गोत्र में शादी करना --इन ब्रीडिंग को बढ़ावा देता है । यह वैज्ञानिक तौर पर भी सही नहीं है । फिर भी लोग जाने क्यों इस की तरफदारी करते हैं। वैसे ओनर किलिंग एक अमानवीय कुकृत्य है और जघन्य अपराध है।