शनिवार, 27 मार्च 2010

अर्थ आवर मूवमेंट में मप्र अव्वल

बड़ी अच्छी बात है कि दुनिया भर में आज रात एक घंटे बिजली बंद कर धरती और पर्यावरण को बचाने की मुहिम चलाई जाएगी। निश्चित ही काबिले तारीफ है यह अभियान। दुनिया भर में पर्यावरण बचाने की कई तरह की कोशिशों में से एक यह अर्थ आवर मूवमेंट भी है। बिजली गुल करने से पर्यावरण बचाने में हमारा हिंदुस्तान दुनिया के विकासशील देशों को तो छोडि़ए विकसित देशों में भी अव्वल है। इसमेंं भी हमारा मप्र तो सिरमौर ही कहा जाना चाहिए। क्योंकि यहां जिला मुख्यालयों में रोज चार घंटे, तहसील मुख्यालय वाले छोटे शहरों में 11 घंटे और संभाग मुख्यालय वाले शहरों में एक घंटे रंोज घोषित कटौती होती है। अघोषित बिजली गुल होने के घंटे अलग से हैं जो तय नहीं हैं। औसतन दो से 18 घंटे तक बिजली गुल करने वाला हमारा मप्र अर्थ आवर मूवमेंट वालों के लिए आदर्श हो सकता है। दस साल तक कांग्रेसी मुख्यमंत्री दिगिवजय सिंह ने यह मूवमेंट चलाया। बिजली गुल होने को मुददा बनाकर कांग्रेस को सत्ता से हटाने वाली भाजपा सरकार के तीन मुख्यमंत्रियों उमा भारती, बाबूलाल गौर और अब लगातार दूसरी दफा सीएम बने शिवराज सिंह चौहान के राज में भी मप्र में बिजली कटौती के घंटे करीब करीब उतने ही हैं। भारत में अर्थ आवर मूवमेंट के समर्थकों और मीडिया से अनुरोध है कि आज 27 मार्च को वे मप्र के योगदान को भी याद रखें और जब मौका लगे हमारे प्रदेश की सरकार और उसके कर्ताधर्ताओं को सम्मानित भी करें। क्योंकि उन्होंने भरपूर बिजली का चुनावी वादा पूरा करने के बजाय अर्थ आवर मूवमेंट को नया अर्थ देकर खासा सपोर्ट देने का रास्ता चुना है। चुनावी वादों का क्या है, अगले चुनाव में फिर नया वादा कर देंगे, धरती और पर्यावरण बचना चाहिए, सो वे बचा रहे हैं।

2 टिप्‍पणियां:

राज भाटिय़ा ने कहा…

अर्थ आवर मूवमेंट , भारत मै तो वेसे ही बिजली आती नही ओर उस पर अर्थ आवर मूवमेंट , तो हमारे देश का नाम तो जिनियस बुक मै आना चाहिये जी, जो सब से कम बिजली खर्च करता है, वेसे हमारे यहां कोईॆ ऎसा शोर नही सब मस्त है

प्रवीण एलिया ने कहा…

Hume to esa lagta hai ki Earth our Moovment ke karan Light rahti hee nahi hai. Ganj Basoda mai katouti 13-14 Ghante ki ho rahe hai.
Jai BJP Sarkar kee